नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने बुधवार को उत्तराखंड को बड़ी सौगात दी है. कैबिनेट ने नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम- पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ (ropeway approval from Sonprayag to Kedarnath) तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है. इसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी. इसको लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा
ropeway approval from Sonprayag to Kedarnath – केंद्रीय कैबिनेट ने इसके साथ ही पर्वतमाला परियोजना के तहत उत्तराखंड में गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना के विकास को मंजूरी दी है. पशु औषधि घटक को शामिल करते हुए पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम के संशोधन को भी मंजूरी मिली है.टीकाकरण, निगरानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के जरिए पशुधन रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में मदद करने की योजना है.
सोनप्रयाग से केदारनाथ रोपवे परियोजना
- प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है कि रोपवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी में विकसित किया जाएगा. इसे ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3एस) तकनीक पर विकसित किया जाएगा. इसके बनने से रोजाना 18 हजार यात्री सफर कर सकेंगे.
- रोपवे परियोजना केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक वरदान होगी. यह परियोजना पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ ही आरामदायक और तेज कनेक्टिविटी देगी. इससे समय की काफी बचत होगी.
सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी.इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि अभी जो यात्रा 8-9 घंटे में पूरी होती है, वो घटकर 36 मिनट की हो जाएगी. इसमें 36 लोगों के बैठने की क्षमता होगी. इसके साथ ही कैबिनेट ने पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) के संशोधन को मंजूरी दी है. एलएचडीसीपी योजना में पशु औषधि को जोड़ा गया है. इस योजना के तहत 2024-25 और 2025-26 में 3,880 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसको डीबीएफओटी (डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर) मोड पर तैयार किया जाएगा. इसकी कुल लागत 2,730.13 करोड़ रुपये होगी. इससे हेमकुंड साहिब आने वाले तीर्थयात्रियों और फूलों की घाटी में आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी. इस योजना से गोविंदघाट और हेमकुंड साहिब के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी मिलेगी. ये होगा कि मौजूदा समय में 8-9 घंटे लगने वाली यात्रा घटकर 36 मिनट रह जाएगी.