डबरा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा परियोजना अधिकारी बबिता धाकड़ और सुपरवाइजर उर्मिला राजपूत पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद प्रशासनिक स्तर पर हलचल तेज हो गई है। एसडीएम डबरा दिव्यांशु चौधरी इस मामले की जांच ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान के आदेश पर करा रहे हैं। शिकायत (accused of illegal recovery) की जांच के दौरान आज तहसील परिसर के जनसुनवाई कक्ष में परियोजना एक और परियोजना दो की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के बयान दर्ज किए गए। इसी दौरान कई कार्यकर्ताओं ने खुलकर मीडिया के सामने बताया कि परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर जांच को अपने पक्ष में प्रभावित करने के लिए दबाव बना रहे हैं। वहीं पर कुछ अधिकारी महिलाओं पर व्हाट्सएप मैसेज के जरिए शिकायत वापसी का दबाव डालने की बात भी सामने आई है।

जिससे कार्यकर्ताओं का गुस्सा जांच अधिकारी के सामने ही भड़क गया, ग्वालियर से जांच करने आए डीपीओ दशरथ जादौन के समक्ष कार्यकर्ताओं को बयान देने बुलाया गया, तो महिलाओं ने हंगामा कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना अधिकारी और सुपरवाइजर शिकायत को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इस विवाद ने तब और तूल पकड़ लिया जब एक दिन पहले परियोजना कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया। आरोप है कि परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ के पति कार्यकर्ताओं से शिकायत वापसी का दबाव बना रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उस समय बबीता धाकड़ के पति कार्यालय में एक अन्य कर्मचारी के साथ मौजूद थे और कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास कर रहे थे।

accused of illegal recovery – बता दें कि परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ और उनके पति का विवादों से पुराना नाता रहा है। आपको बता दें कि 8 साल से परियोजना अधिकारी बबीता धाकड़ डबरा परियोजना में पदस्थ हैं। जिसका कार्यकर्ताओ ने खुलकर विरोध किया है और परियोजना अधिकारी को हटाने की मांग की है, वहीं मीडिया के सामने भी परियोजना अधिकारी पर पैसे लेने और पैसे ना देने के एवज में कार्रवाई करने जैसी धमकियां देने की बात खुलकर कही है

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