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यूपी में निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था PFI, जाँच में हुआ खुलासा

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Preparation For Elections

यूपी के कई जिलों में पीएफआई निकाय चुनाव लड़ने की तैयारी (Preparation For Elections) कर रहा था। मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले जिलों में इसके लिए संगठन के सदस्य ने कई लोगों से सम्पर्क भी कर लिया था। इन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराने पर भी सहमति बन गई थी। लखनऊ के इंदिरानगर से सबसे पहले गिरफ्तार मो.वसीम पीएफआई का प्रदेश अध्यक्ष था और वह इसी साल विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका था। वसीम और अहमद बेग के बाद आलमबाग से पकड़े गये दिलशाद ने भी पीएफआई की सहयोगी संस्था एसडीपीआई के बैनर तले कई सीटों से चुनाव लड़ाने की तैयारी का खुलासा किया है। इसके लिये बाकायदा कई जिलों में युवाओं के साक्षात्कार तक लिये जा चुके हैं।

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Preparation For Elections – एसटीएफ और एटीएस के अफसरों का कहना है कि पीएफआई की सहयोगी संस्था एसडीपीआई कई लोगों को चुनाव लड़ा चुकी है। इसी साल बहराइच से वसीम ने भी विधायक का चुनाव लड़ा था। पीएफआई ने उसकी आर्थिक मदद की थी। हालांकि वह बहुत कम वोट पाया था। वसीम को एसटीएफ ने इंदिरा नगर से गिरफ्तार किया था। वह खुद को दर्जी बताता था। वसीम ने पीएफआई के कई कदमों के बारे में बताया था। उसकी बात को और मजबूती बुधवार को आलमबाग के आजादनगर से गिरफ्तार मो. दिलशाद से पूछताछ में मिली। दिलशाद ने भी खुलासा किया कि वह पीएफआई का प्रदेश सचिव रहा है। उससे भी कहा गया था कि कुछ लड़कों को चुनाव लड़ने के लिए तैयार करना है।

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एटीएस व एसटीएफ के मुताबिक मुस्लिम बाहुल्य आबादी वाले जिले जैसे बलरामपुर, शाहजहांपुर, बहराइच, अलीगढ़, मुरादाबाद, बागपत, रामपुर समेत कई इलाके चुनाव लड़ाने के लिए चुने गये। यहां के लिये बाकायदा पीएफआई ने कुछ युवकों को मैदान में उतारने पर मुहर भी लगा दी। एक अधिकारी के मुताबिक वसीम ने यह भी कुबूला था कि पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई तेज होने से उनकी इस तैयारी में बाधा पहुंची है। सबसे ज्यादा दिक्कत अब फंड जुटाने की हो गई है। वसीम ने यह भी बताया था कि पीएफआई के पास चुनाव लड़ाने के लिए पर्याप्त फंड जुटा लिया गया था।