सीमा पर पड़ोसी मुल्कों से मिल रही लगातार चुनौती के बीच भारतीय सेना सजग प्रहरी के रूप में देश की हिफाजत में लगी रहती है. सेना को यह प्रोत्साहन अपने वीर जवानों और देश के अनगिनत देशभक्तों से मिलता है. पिछले महीने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकवादियों के कई ठिकानों को निपटा दिया (expressed respect to army) या फिर गहरी चोट दी.
expressed respect to army – भारतीय सेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक वीडियो पोस्ट में कहा, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के प्रति अपना अटूट समर्थन, गहरी प्रशंसा और कृतज्ञता जताते हुए आम लोगों की ओर से लिखे गए पत्रों का एक संकलन उनके शब्द गर्व, लचीलापन और वीरता की स्थायी भावना झलकती है, ये सब हम सभी को प्रेरित भी करती है.
सेना के प्रति इस तरह जताया सम्मान
सेना ने इस वीडियो में आम नागरिकों की ओर से भेजे गए पत्र को संकलित किया है, जिसमें लोगों ने सेना के प्रति अपना अपार समर्थन और श्रद्धा जताई. रुपेश हरिचंदर मैनकर की ओर से भेजे गए पत्र को सेना ने जाहिर किया, जिसमें वह कहते हैं, “मुझे कोई सैलरी, या कोई मुआवजा, कोई पहचान या प्रमाणपत्र नहीं चाहिए. मुझे सिर्फ आपकी पहचान, यूनिफॉर्म और सेना के साथ देश के लिए लड़ने को लेकर अनुमति चाहिए.”
थल सेना को आपके नेतृत्व पर गर्व
इसी तरह एक अन्य देशभक्त ज्योतिषाचार्य आचार्य डॉक्टर हरिहरराम त्रिपाठी ने भी पत्र लिखकर कहा कि आपके सर्वोत्कृष्ठ सेवा के लिए शुभकामनाएं. भारत की थल सेना को आपके नेतृत्व पर गर्व है. बिसाथी भरत ने भी पत्र के जरिए भारतीय सेना और उसके प्रमुख की तारीफ करते हुए कहा, “मैं सेना प्रमुख को भारत की रक्षा और संप्रभुता को बचाए रखने के लिए आपके अटूट समर्पण को लेकर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. भगवान हनुमान की तरह आप देश की सुरक्षा में डटे रहेंगे और साहस तथा बुद्धिमत्ता के साथ गाइड करेंगे. हम सभी भारत के लोग आपके साथ खड़े हैं.”