नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले के मामले में आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज मुकदमा रद्द किये जाने और जमानत के लिए दायर उनकी याचिकाएं सोमवार (No Relief For Kejriwal In CBI Case) को खारिज कर दीं।
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No Relief For Kejriwal In CBI Case – न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की एकल पीठ ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि सीबीआई के पास श्री केजरीवाल को गिरफ्तार करने का पर्याप्त कानूनी आधार था। उन्होंने कहा, “यह नहीं कहा जा सकता कि गिरफ्तारी बिना किसी न्यायोचित कारण के की गई।” उच्च न्यायालय ने गुण-दोष के आधार पर इस मामले में कोई निर्णय लेने से इनकार कर दिया, लेकिन याचिकाकर्ता को निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने की छूट दी।
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एकल पीठ ने जमानत याचिका पर कहा,याचिकाकर्ता को निचली अदालत जाने की छूट है। उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही केजरीवाल की याचिकाओं का निपटारा कर दिया। उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के एसपीपी डी पी सिंह और श्री केजरीवाल का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी सहित अन्य की दलीलें विस्तारपूर्वक सुनने के बाद 29 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। एकल पीठ के समक्ष श्री सिंह ने दलील देते हुए कहा था कि आरोपी केजरीवाल भ्रष्टाचार के इस मामले के ‘सूत्रधार’ हैं और उनके खिलाफ इस मामले में स्पष्ट सबूत हैं।