Advertisement

भारत में हिन्दी भाषा के साथ हो रहा उपेक्षा का व्यवहार : शान्ता कुमार

0
23
Neglect Of Hindi Language

पालमपुर : हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि इस बार 12वां विश्व हिन्दी सम्मेलन फिजी में हुआ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उसकी अध्यक्षता की। लेकिन, भारत में हिन्दी भाषा के साथ उपेक्षा का जैसा व्यवहार (Neglect Of Hindi Language) है। उससे सरकारी कामकाज और लोगों के व्यवहार में हिन्दी का प्रयोग समाप्त होता जा रहा है। शान्ता कुमार ने बुधवार को कहा कि फिजी में हुए 12वें विश्व हिन्दी सम्मेलन की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की।

इसे भी पढ़ें – बजट प्रावधान करने के बाद सरकार ने लागू की पुरानी पेंशन योजना : सुक्खू

विश्वभर से 1200 हिन्दी के विद्वान सम्मेलन में आये, जहां फिजी के उपप्रधानमंत्री विमान प्रसाद ने अपना भाषण भी हिन्दी में दिया। इन सबके बावजूद भारत में हिन्दी भाषा के साथ उपेक्षित का व्यवहार हो रहा है। इससे सरकारी कामकाज और लोगों के व्यवहार में हिन्दी का प्रयोग समाप्त होता जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में अंग्रेजों की गुलामी तो चली गई, परन्तु अंग्रेजी की गुलामी 75 साल के बाद भी भारत में फलफूल रही है। मैं अंग्रेजी का विरोध नहीं करता। अंग्रेजी विश्व भाषा है, उसे पढ़ना चाहिए। परन्तु, हिन्दी का गला घोटकर यह सब नहीं होना चाहिए।

इसे भी पढ़ें – रेलवे ने की वीआईपी कल्चर की छुट्टी, अधिकारी काम पर करेंगे फोकस

Neglect Of Hindi Language – शान्ता कुमार ने कहा विश्व हिन्दी सम्मेलन अच्छी बात है, लेकिन अपने ही देश में हिन्दी को पूरी तरह दरकिनार करना अत्यंत दुर्भाग्य की बात है। आजादी के लिए संघर्ष के 90 सालों में हिन्दी स्वतंत्रता आंदोलन की भाषा रही। महात्मा गांधी जैसे बहुत से नेता हिन्दी भाषी प्रदेशाें के नहीं थे,परन्तु उन सभी ने हिन्दी को देश की भाषा कहा। इसके बावजूद आजादी के 75 सालों में हिन्दी को उपेक्षित किया जा रहा है। वह दिन दूर नहीं, जब बच्चे पूछेंगे कि क्या हमारे देश की कोई भाषा नहीं है। उन्होंने सरकार के साथ-साथ देश के विद्वानों से विशेष आग्रह किया कि इस बुनियादी राष्ट्रीय प्रश्न पर गंभीरता से विचार करें और हिन्दी को उसका उच्च स्थान प्रत्येक स्तर पर दिलवाने की कोशिश करें।