अमेठी : ‘‘मैं हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहता हूं’’ यह कहना है कि राम गोपाल का जिनके बेटे, बहू और दो पोतियों की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी। सरकारी स्कूल के शिक्षक सुनील कुमार (35), पत्नी पूनम (32) और उनकी दो बेटियां दृष्टि (छह) और सुनी (एक) की बृहस्पतिवार शाम अहोरवा (Murder Of Dalit Family) भवानी क्षेत्र में उनके किराए के घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
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राम गोपाल ने आरोप लगाया कि अगर पुलिस ने अगस्त में संदिग्ध चंदन वर्मा के खिलाफ उनकी बहू द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर कार्रवाई की होती तो यह सब नहीं होता। दलित परिवार की हत्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया। वहीं घटना को लेकर
विपक्षी नेताओं ने राज्य की कानून व्यवस्था पर तीखा हमला किया। प्रारंभिक पुलिस जांच में पता चला है कि पूनम ने 18 अगस्त को रायबरेली में चंदन वर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत और छेड़छाड़ के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
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Murder Of Dalit Family – शिकायत में यह भी कहा गया था,अगर उसे या उसके परिवार को कुछ होता है तो इसके लिए चंदन वर्मा जिम्मेदार होगा। सुनील अपने परिवार में कमाने वाला एकमात्र सदस्य था। शुक्रवार को उनके पिता राम गोपाल ने कहा, ‘‘हत्यारों का भी यही हश्र देखना चाहता हूं।’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया, ‘‘मेरे बेटे के चले जाने के बाद, मेरे पास कमाने वाला कोई नहीं है। मेरी उम्र 60 साल से ज्यादा है। मेरा एक और बेटा है जो अलग रहता है। अगर उसे नौकरी मिल जाए, तो अच्छा रहेगा।’’