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Modi Cabinet में फेरबदल संभव, कोरोना से गई साख बचाने की कवायद

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Modi Cabinet में फेरबदल संभव, कोरोना से गई साख बचाने की कवायद

Modi Cabinet दिल्ली. कोरोना संकट के समय विपक्ष के हमलों और जनता की नाराजगी से ब्रांड मोदी की कम होती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा नेतृत्व केंद्रीय मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावना पर विचार कर रहा है. यह आकलन किया जा रहा है कि ऐसे कितने चेहरे हैं जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल कर सरकार के कार्य करने की गति बढ़ाई जा सकती है.

इसके साथ ही पार्टी कुछ प्रदेशों में अपने प्रभारी भी बदलने का कार्य कर सकती है. इनमें बंगाल, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र भी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार कोरोना संकट काल के समय अपने विकास कार्यों और सुधारवादी कदमों से जनता के बीच उपजी नाराजगी को दूर करना चाहती है. इसके साथ ही वह विपक्ष के हमलों को भी नाकाम करना चाहती है।

इसके लिए एक ओर जहां उसने मीडिया में विपक्ष के हमलों का जवाब आक्रामक रूप से देने का निर्णय लिया है वहीं जनता के बीच विभिन्न वजह से उपजी नाराजगी वको दूर करने के लिए जनता से जुड़े कार्यों को द्रुतगति से से चलाने का भी निर्णय किया है. इसके लिए केंद्र सरकार में कुछ बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है.

इसके तहत कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं जबकि कुछ मंत्रालयों में नए लोगों को मंत्री के रूप में लाया जा सकता है. मोदी सरकार में पिछले काफी समय से मंत्रिमंडल विस्तार लंबित है. कई मंत्रियों के पास 2 से 3 मंत्रालय तक का प्रभार है.

ऐसे मंत्रियों में प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, नितिन गडकरी, रवि शंकर प्रसाद, हरदीप पुरी, जितेंद्र सिंह, धर्मेंद्र प्रधान आदि शामिल हैं. इसके साथ ही कुछ ऐसे मंत्रालय हैं जहां सहयोगी दलों के कोटे से मंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव हैं. हालांकि यह फैसला प्रधानमंत्री को करना है कि वह सहयोगी दल से किसे अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहेंगे। 

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JDU चाहता है रेल मंत्रालय जेडीयू भी केंद्र सरकार में शामिल होना चाहता है लेकिन उसकी शुरू से ही यह इच्छा रही है कि उसे रेल मंत्रालय दिया जाए. फिलहाल यहां पर प्रधानमंत्री के विश्वस्त पीयूष गोयल मंत्री हैं. उनके पास वाणिज्य मंत्रालय का भी प्रभार है. बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच अनकही तनातनी भी चल रही है. ऐसे में यह देखना भी रोचक होगा कि क्या जेडीयू से किसी को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है. 

देवेन्द्र को केंद्रीय राजनीति में लाने की चर्चा रेल और वाणिज्य मंत्रालय को लेकर यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि इनमें से एक मंत्रालय आने वाले समय में ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया जा सकता है. वह जब से भाजपा में शामिल हुए हैं उन्हें मंत्री पद दिए जाने की संभावना पर लगातार चर्चा बनी हुई है.

इनके अलावा भाजपा मीडिया सेल के प्रमुख अनिल बलूनी को भी मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिलने की उम्मीद जाहिर की जा रही है. इसी तरह से महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस को भी केंद्रीय राजनीति में लाए जाने की चर्चा है।

LJP को मिल सकता है मौका पूर्व केंद्रीय नागरिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि लोक जनशक्ति पार्टी से किसी को मंत्री बनाया जा सकता है. हालांकि जिस तरह से बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने स्वतंत्र राह चुनी थी उसे देखते हुए सभी के बीच यह उत्सुकता भी बनी हुई है कि क्या प्रधानमंत्री जेडीयू को नाराज करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी से किसी को मंत्री बनाते हैं.

Image Source:- www.google.com