मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) को आधार से लिंक करने की व्यवस्था लागू करने की राह केंद्र सरकार के लिए आसान नहीं है. उसे एक जटिल कानूनी अड़चन का सामना करना होगा, जिसके (how to link aadhaar epic) चलते ईपीआईसी-आधार लिंकिंग को अनिवार्य तौर पर लागू नहीं किया जा सकता. ऐसे में दोहरी व्यवस्था लानी होगी, पहली स्वैछिक ईपीआईसी-आधार लिंक और दूसरी में पुराना तरीका जारी रखना होगा.
राष्ट्रीय चुनाव आयोग (ईसीआई) इलेक्टोरल रोल के शुद्धीकरण के लिए ईपीआईसी-आधार लिंकिंग की जुगत लेकर आगे आया है. मंगलवार यानी 18 मार्च को ईसीआई ने गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ को आयोग के साथ इस मसले पर चर्चा के लिए बुलाया है. सूत्र बताते हैं कि इस व्यवस्था को लागू करने से होने वाले तमाम नफे-नुकसान पर गहन चर्चा होगी.
कानूनों में करना होगा बदलाव
सरकार को इस दिशा में बढ़ने पर आधार एक्ट, चुनाव कानून, जनप्रतिनिधित्व कानून और मतदाता सूची नियमों में संशोधन करना होगा. इस दौरान आधार पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी ख्याल रखना होगा, जिसमें आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा गया. लेकिन अनिवार्यता के स्थान पर आधार पंजीकरण में नागरिकों की स्वेच्छा को महत्व दिया गया. ऐसे में बैंकिंग से लेकर सिमकार्ड लेने तक में आधार से लिंक कराना नागरिकों की स्वेच्छा पर निर्भर है. हालांकि जो नागरिक ऐसा नहीं करना चाहते, उन्हें प्रक्रिया की बड़ी झंझावतों का सामना करना पड़ता है.
how to link aadhaar epic – कानूनी प्रावधानों पर नजर डाले तों भारत के संविधान में लोकसभा और हरेक राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे अर्थात् प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है और ऐसी तारीख को, जो समुचित विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त नियत की जाये, कम से कम अठारह वर्ष की आयु का है और इस संविधान या समुचित विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन अनिवास, चित्तविकृति, अपराध या भ्रष्ट या अवैध आचरण के आधार पर अन्यथा निरर्हित नहीं कर दिया जाता है, ऐसे किसी निर्वाचन में मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा.