शिमला : हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने हाल ही में 18 सरकारी होटलों को बंद करने के हाई कोर्ट के आदेश पर कहा कि सरकार मसले पर कानूनी राय लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी। विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को कहा, “उच्च न्यायालय का पूरा सम्मान करते हैं और यह सरकार का अधिकार है कि वह किसी भी निर्णय को, जो उनके खिलाफ आता है, सुप्रीम कोर्ट या डबल बेंच में चुनौती दे। इस मामले में भी पर्यटन विभाग और मुख्यमंत्री की टीम हमारे एडवोकेट जनरल और कानून सचिव से मिलकर इस मामले पर कानूनी राय प्राप्त करेगी और (Further Action After Taking Legal Advice) आगे की कार्रवाई पर विचार करेगी।”
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Further Action After Taking Legal Advice – उन्होंने कहा, “जब में विपक्ष में विधायक था, तब भी इस मुद्दे को विधानसभा में गंभीरता से उठाया था। चाहे वह फॉरेस्ट कॉरपोरेशन हो, हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन हो, हिमाचल पर्यटन विकास बोर्ड हो या अन्य कोई सरकारी बोर्ड और कॉरपोरेशन, लगभग सभी वित्तीय घाटे में चल रहे हैं। यह कोई नई समस्या नहीं है, बल्कि यह लंबे समय से चली आ रही है। सरकारी संस्थानों और बोर्ड्स को वित्तीय मजबूती देना और उन्हें घाटे से उबारना सरकार का दायित्व है।”
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उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की वित्तीय तंगी का हवाला देते हुए घाटे में चल रहे 18 सरकारी होटलों को बंद करने का आदेश दिया था। मंत्री ने कहा कि इन समस्याओं में कई तरह की जटिलताएं हैं, जैसे कर्मचारियों के पेंशन, लाभ, और अन्य वित्तीय दायित्व। इन मुद्दों को लेकर कैबिनेट की बैठकें भी होती हैं, जिसमें सरकार लगातार प्रयास कर रही है, कैसे इन घाटे में चल रहे संस्थानों को बेहतर किया जाए, उन्हें मुनाफे में लाया जाए और उनके प्रबंधन को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाए।