उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करप्शन के मामले में सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है, जो उद्योगपति (large punishment to IAS Abhishek Prakash) से कमीशन की मांग कर रहा था. IAS अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड करने के साथ ही उन पर ‘वृहद दंड’ लगाने के लिए अनुशासनिक कार्यवाही की भी शुरुआत कर दी गई है. आइए जानते हैं कि IAS अभिषेक प्रकाश को कौन सा ‘वृहद दंड’ मिल सकता है?
large punishment to IAS Abhishek Prakash – इस मामले में टीवी9 डिजिटल से बात करते हुए पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा, ‘किसी भी अफसर को निलंबित करते वक्त उसके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही की जाती है, उसमें दोषी पाए जाने पर ‘लघु दंड’ और ‘वृहद दंड’ का प्रावधान होता है… अभिषेक प्रकाश के मामले में वृहद दंड का जिक्र है… इसमें तीन तरह के दंड मिल सकते हैं, पहला- डिमोशन ऑफ रैंक… यानि अभी वह सचिव पद पर हैं, उन्हें डिमोशन देकर विशेष सचिव बनाया जा सकता है.’
‘अभिषेक प्रकाश को बर्खास्त भी किया जा सकता है’
बताया, ‘वृहद दंड में दूसरा दंड- तनख्वाह में बढ़ोतरी को रोका जाना होता है… यानि अभिषेक प्रकाश के ग्रेड-पे में बढ़ोतरी को रोका जा सकता है… तीसरा दंड- बर्खास्तगी हो सकती है… अगर अनुशासनिक कार्यवाही के दौरान अभिषेक प्रकाश के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल जाता है तो सरकार उन्हें ‘वृहद दंड’ के रूप में बर्खास्त भी कर सकती है और अगर क्रिमिनल एक्ट में शामिल पाया जाता है तो FIR भी हो सकती है.’
नगालैंड कैडर में वापस भेजे जा सकते हैं अभिषेक प्रकाश?
वापस नगालैंड कैडर में भेजे जाने के सवाल पर पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने बताया, ‘IAS अभिषेक प्रकाश की शादी यूपी कैडर की IAS अदिति सिंह के साथ हुई थी… ऐसे में उनके पास ऑप्शन था कि वह यूपी कैडर में आ जाएं या अदिति सिंह नगालैंड कैडर में चली जाएं… अभिषेक प्रकाश ने यूपी कैडर में आने का फैसला किया और DOPT ने उनका कैडर बदलकर यूपी कर दिया है… अदिति सिंह से तलाक के बाद भी अब कैडर में बदलाव की संभावना नहीं है.’
क्यों सस्पेंड किए गए IAS अभिषेक प्रकाश?
गौरतलब है कि सस्पेंड होने से पहले तक आईएएस अफसर अभिषेक प्रकाश, यूपी इंवेस्ट के सीईओ के साथ ही औद्योगिक विकास विभाग के सचिव पर तैनात थे. उनके जिम्मे ही यूपी में निवेश के लिए कंपनियों को लाना और उन्हें सहूलियत प्रदान करना था. IAS अभिषेक प्रकाश ही उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले सभी फर्म को समीक्षा के बाद letter of comfort issue करते थे.
सीएम योगी ने कराई थी गोपनीय जांच
यूपी में निवेश के लिए SAEL solar P6 प्राइवेट लिमिटेड ने आवेदन किया था. कंपनी के मालिक विश्वजीत दत्ता का आरोप है कि वह उत्तर प्रदेश में सोलर सेल, सोलर पैनल, व सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं लेकिन 5% कमीशन नहीं देने के कारण कमेटी की संस्तुति के बावजूद पत्रावली में प्रकरण टाल दिया जाता है और अभिषेक प्रकाश ने उनसे मिस्टर जैन से मिलने को कहा और साफ कहा कि जैन साहब चाहेंगे तो संस्तुति होगी.