जबलपुर : मध्य प्रदेश की संस्कारधानी के तौर पर पहचानी (Crack In Flyover Bridge) जानी वाली नगरी जबलपुर में आठ सौ करोड़ की लागत से बन रहे फ्लाईओवर ब्रिज की ऊपरी परत में दरार आने के गरमाए मामले की हकीकत जानने के लिए अधिकारियों का दल मौके पर पहुंचा। इस दल ने ब्रिज के अन्य हिस्सों का भी जायजा लिया।
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ज्ञात हो कि इस ब्रिज पर पिछले दिनों दरार दिखी और सियासी तौर पर हमले हुए। इस पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर भोपाल से विभागीय अधिकारियों का दल मौके पर पहुंचा। यह ब्रिज दमोह नाका से मदन महल तक बन रहा है। ओवरब्रिज का जायजा लेने के बाद लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने संवाददाताओं को बताया कि ब्रिज की जिन दरारों को लेकर सवाल उठे हैं, वे दरारें ब्रिज के ऊपर लगे टी जॉइंट की वजह से बनी हैं। मौसम के चलते लोहे में फैलाव तथा सिकुड़न आती है।
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Crack In Flyover Bridge – टी जॉइंट दो स्ट्रक्चर को आपस में जोड़ने के लिए एक लोहे की पट्टी होती है, जो दो अलग-अलग स्ट्रक्चर के बीच में रखी जाती है, ताकि दोनों स्ट्रक्चर आपस में रगड़ न खाएं, क्योंकि आपस में टकराने पर ये टूट सकते हैं इसलिए इनके बीच में थोड़ा सा गैप रखा जाता है। तो ऊपर से टी जॉइंट लगाया जाता है, इसके ऊपर डामर डाला गया है। ठंड की वजह से डामर में ब्रेक आया है।