लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने सारस के संरक्षण के लिए पहल की, जिसके सुखद परिणाम दिखाई देने लगे हैं। इसी क्रम में प्रदेश में बृहस्पतिवार से राज्य पक्षी सारस की गणना की जाएगी। वर्ष में दो बार (ग्रीष्मकालीन-शीतकालीन) गणना होती है। वर्ष 2024 के लिए बृहस्पतिवार से दो दिन तक (Counting Of State Bird Sarus) सारस गणना होगी। यह गणना सुबह-शाम दो बार की जाएगी।
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गणना में वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही विद्यार्थियों व प्रकृति प्रेमियों का भी सहयोग लिया जाएगा। वर्ष 2023 में हुई गणना में उत्तर प्रदेश में 19,522 सारस पाए गए थे। प्रभागीय वनाधिकारी अपने-अपने प्रभाग में पाये गये सारस की संख्या व फोटो पहली जुलाई तक मुख्य वन संरक्षक, ईको विकास, लखनऊ को उपलब्ध कराएंगे। सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, 20 व 21 जून 2024 को ग्रीष्मकालीन सारस गणना की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों के समन्वयक होंगे।
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Counting Of State Bird Sarus – वन रक्षक गणना टीम का लीडर होगा। इनके कार्य क्षेत्र में कई वेटलैंड होने पर एक से अधिक टीम गठित की जाए। इसके लिए जनसामान्य को भी जागरूक किया जाएगा। गणना में स्कूल, कॉलेज के बच्चों, प्रकृति प्रेमियों व एनजीओ भी सारस गणना में प्रतिभाग कर सकते हैं। इन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। वर्ष 2024 में प्रत्येक गणना स्थल पर सुबह छह से आठ और शाम चार से छह बजे तक गणना होगी।