कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई को अब हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने एक और झटका दिया है। सरकार की ओर से दिए गए इस झटके के बाद से ही कुलदीप खेमे में मायूसी छाई हुई है। आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म होने को लेकर जहां कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई जनता के बीच ऐलान कर रहे थे। वहीं, सरकार की ओर से अब नगर पालिका का दर्जा खत्म करने को लेकर सर्वे कराने की बात कहने के बाद कुलदीप बिश्नोई एक ऐसे दोराहे पर पहुंचे गए है, जहां वह चाहकर भी ना तो कुछ नहीं कह सकते और ना ही कुछ कर सकते हैं।
फाइल मंजूर कर लगाई शर्त
कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई की मांग पर हरियाणा सरकार ने आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने की फाइल सरकार को अपनी मंजूरी दे दी, लेकिन साथ ही उसमें सर्वे कराए जाने की शर्त भी लगा दी। यानि नगर पालिका का दर्जा अब प्रशासन की ओर से दी जाने वाली सर्वे रिपोर्ट के बाद ही खत्म होगा। सर्वे में नगर पालिका के तहत आने वाले इलाके के लोगों से पालिका के दर्जे को लेकर सवाल पूछा जाएगा कि वह उसका दर्जै खत्म करवाना चाहते हैं या नहीं। यदि सर्वे में लोगों की राय आदमपुर नगर पालिका के पक्ष में आती है तो उसका दर्जा खत्म करने का मामला अटक सकता है। सर्वे को लेकर हिसार के डीसी ने एसडीएम को 5 दिन में रिपोर्ट जमा करवाने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
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ऐसे मिली सर्वे की जानकारी
सरकार की ओर से आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने की फाइल को मंजूरी दिए जाने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर सरकार का आभार व्यक्त किया था। कुलदीप बिश्नोई ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने वाली फाइल सरकार से मंजूरी मिलने के बाद हिसार डीसी कार्यालय तक पहुंच चुकी है। अब कभी भी नगर पालिका का दर्जा खत्म होने की घोषणा हो सकती है। इसके बाद कुलदीप बिशनोई के आश्वासन पर आदमपुर संघर्ष समिति के सदस्यों ने हिसार के डीसी से मुलाकात की थी। उस समय डीसी ने उन्हें नगर पालिका का दर्जा खत्म नहीं होने की बात कही। डीसी ने कहा कि अभी सर्वे होना बाकी है, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका के दर्जे को लेकर फैसला किया जाएगा।
मनोहर सरकार ने दिया था दर्जा
हरियाणा में मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने 29 जून 2021 को आदमपुर को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। इसे लेकर कईं दिन तक धरना-प्रदर्शन भी हुआ। उस समय कुलदीप बिश्नोई ने खुद धरने पर पहुंचकर लोगों को आश्वासन दिया था कि वह इस बारे में सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। उस समय कुलदीप बिश्नोई से मुलाकात के दौरान तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें दर्जा हटाए जाने को लेकर आश्वासन दिया था। इसके बाद सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाने की बात भी कही थी।
नायब सैनी से भी की थी मुलाकात
आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म करने को लेकर कुलदीप बिश्नोई ने अपने विधायक बेटे भव्य के साथ बीती 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भी मुलाकात की थी। उस दौरान भी उन्होंने इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए फाइल को आगे बढ़ा दिया, जो अब डीसी कार्यालय तक पहुंच चुकी है।
बीजेपी दे रही एक के बाद एक झटके
कांग्रेस छोड़कर पत्नी और बेटे के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद से ही कुलदीप बिश्नोई को लगातार एक एक बाद एक झटके मिल रहे हैं। इनमें सबसे पहले आदमपुर उपचुनाव में जीत के बाद आशा के अनुरूप भव्य बिश्नोई को मंत्री पद नहीं दिया जाना पहला झटका था। हालांकि उपचुनाव में प्रचार के दौरान उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि भव्य का हाथ उनके हाथ में रहेगा। उस चुनाव में भव्य कांग्रेस के दमदार नेता जयप्रकाश को मात देकर विधानसभा में पहुंचे थे, लेकिन आशा के बावजूद भव्य को मंत्री पद नहीं दिया गया।
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इसके बाद कुलदीप बिश्नोई को उम्मीद थी कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से लोकसभा चुनाव में उन्हें हिसार से पार्टी प्रत्याशी बनाया जाएगा, लेकिन बीजेपी की ओर से लोकसभा चुनाव में उनके स्थान पर रणजीत चौटाला को टिकट दी गई। इससे नाराज होकर कुलदीप बिश्नोई चुनाव प्रचार में नहीं गए। बाद में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से उन्हें मनाए जाने पर कुलदीप बीजेपी के प्रचार के लिए उतरे तो जरूर, लेकिन शायद तब तक समर्थक उनके मन की बात जान चुके थे और वह आदमपुर से ही बीजेपी प्रत्याशी को नहीं जिता पाए।
मौजूदा हालात की बात करें तो कुलदीप बिश्नोई को उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें आने वाले दिनों में हरियाणा में होने वाले राज्यसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इसे लेकर वह लगातार पार्टी नेताओं से मुलाकात भी कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी की ओर से अभी तक उनकी मांग को लेकर कोई सहमति बनती दिखाई नहीं दे रही हैं।
भजनलाल के गढ़ में हारी भाजपा
भजनलाल परिवार का अभेद दुर्ग कहे जाने वाले आदमपुर में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। आदमपुर विधानसभा पर 56 साल से बिश्नोई परिवार का कब्जा है। इस सीट पर पहली बार भजनलाल 1968 में विधायक बने थे, तब से लेकर जितने भी चुनाव हुए सभी में भजनलाल परिवार ही आदमपुर से जीतता आ रहा है, लेकिन इस बार भजनलाल के किले में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के हिसार से लोकसभा रणजीत चौटाला को आदमपुर में 53156 वोट मिले जबकि कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी को 59544 वोट मिले। जयप्रकाश जेपी 6384 वोट से आदमपुर से चुनाव जीत गए। ऐसे में अब सबकी निगाहें बीजेपी की आगामी रणनीति और उसके बाद कुलदीप बिश्नोई की ओर से लिए जाने वाले फैसले पर लगी हैं।