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जहरीली हवा : दिल्ली एनसीआर में 50 फीसदी भी पटाखे जले तो वायु प्रदूषण हो जाएगा बेकाबू

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  • वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर होगा

नई दिल्ली। मौसम वैज्ञानिक सचिन पंवार ने जानकारी दी है कि, इस बार अगर 50 फीसदी भी पटाखे जले तो वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर रूप तक पहुंच सकता है।

मौसम वैज्ञानिक सचिन पंवार के के अनुसार ‘यदि इस बार पटाखों से उत्सर्जन होने वाला प्रदूषण 2019 के पटाखों से संबंधित उत्सर्जन का 50 फीसद भी रहा तो वायु गुणवत्ता सूचकांक चार नवंबर की रात से ही गंभीर श्रेणी में पहुंचने और छह नवंबर तक ऐसे ही बने रहने का अनुमान है।’

मौसम विभाग के बताया कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से जो धुआं उठता है। वह उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण दिल्ली की तरफ आ जाता है।

जानकारी मिल रही है कि आने वाले दिनों में प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी बढ़ जाएगी। जिसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर स्तर पर पहुँच जाएगा।

केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल पराली जलाने के मामले में 51 फीसदी से अधिक कमी आई है।

आयोग ने बताया कि ‘प्रवर्तन एजेंसियों ने पंजाब, हरियाणा और यूपी के एनसीआर के जिलों में 8,575 स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान पराली जलाने के लिए लगभग 58 लाख रुपये का पर्यावरण जुर्माना लगाया गया है।’