नीमच: एक ऐसा मंदिर है, जहां पर भक्त लाखों रूपए के अलावा मादक पदार्थ अफीम भी चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि अफीम की फसल की अच्छी पैदावार के लिए भक्त मन्नतें मांगते है और मन्नत पूरी होने पर भगवान को अफीम का चढ़ावा लगाते है। नीमच जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूरी पर राजस्थान में स्थित श्री सांवलिया मंदिर के गृभगृह से केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो नीमच ने 58 किलो अफीम जब्त की है, यह अफीम फैक्टरी में जमा करवा दी गई है। देशभर यह एक अनूठा मंदिर है, जहां पर ब्लैकगोल्ड कही जाने वाली अफीम भेंट करते है। नीमच, मंदसौर और राजस्थान के कुछ (narcotics department seized 58 kg opium) हिस्सों में अफीम की पैदावार होती है, अफीम की फसल नारकोटिक्स विभाग किसानों से लेता है, अगर बाहर इसकी खरीद-फरोख्त होती है तो एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज होता है और 20 साल तक की सजा होती है।

श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रभा गौतम के अनुसार, गुरुवार दोपहर नारकोटिक्स विभाग की दो टीमों ने मंदिर पहुंचकर मंदिर प्रशासन के सहयोग से तहखाने में रखी अफीम को इलेक्ट्रॉनिक कांटे से तौला। करीब चार घंटे तक चली इस कार्रवाई के दौरान मंदिर के गर्भगृह के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी, ताकि कोई भी व्यक्ति वहां न आ सके। इसके बाद जब्त की गई 58 किलो अफीम को कागजी औपचारिकताओं के साथ नारकोटिक्स विभाग ने अपने कब्जे में लिया।

narcotics department seized 58 kg opium – जानकारी के अनुसार, जब्त की गई अफीम नीमच स्थित नारकोटिक्स विभाग के अफीम कारखाने में सौंप दी गई है। यह अफीम कुछ सालों के दौरान एकत्रित हुई है, अब हर महीने नारकोटिक्स विभाग को सौंपी जाएगी। जब्त की गई अफीम की कीमत करीब एक करोड़ रूपए बताई जा रही है।

पहले चरणामृत में अफीम मिलाने की परंपरा थी…

पहले यहां चरणामृत में भी अफीम मिलाने की परंपरा थी, जिसे कुछ विशिष्ट श्रद्धालु ग्रहण करते थे। हालांकि, पिछले कुछ समय से अफीम के गलत इस्तेमाल की शिकायतें सामने आने लगी थी, जिसके चलते मंदिर प्रशासन ने इसे रोकने के लिए कदम उठाए। अब मंदिर में आने वाली अफीम को सुरक्षित रूप से गर्भगृह के नीचे बने तहखाने में रखा जाने लगा था।

सांवलियाजी मंदिर में हर महिने दानपेटी में निकलते है करोड़ों रूपए

श्री सांवलिया जी मंदिर का खजाना हर महीने खोला जाता है। हर महीने दो से तीन करोड़ रूपए दानपेटी से निकलते है। मान्यता है कि लोग अपनी कमाई का दस या पांच प्रतिशत का हिस्सा सांवलिया सेठ को चढ़ाते हैं। जुलाई महीने में तो दान का आंकड़ा सात करोड़ रूपए तक पहुंच गया था।

Share.
Exit mobile version