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बड़ा हादसा : बाड़मेर में हुए हादसे में आंखों से सामने जली 12 सवारियां

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  • अफसोस कि हम उन्हें बचा नही पाएं

बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर कल हुई घटना बेहद ही दर्दनाक थी। बता दें कि यहां एक ट्रेलर के बस से टकरा जाने के कारण बस में बैठी 12 सवारियां जिंदा जल गईं। जहां खेत में काम करें लोगों ने उन 12 सवारियों को अपने आंखों से देखा था। जिसे देख उनको रूप कांप गई।

बता दें कि जोधपुर नेशनल हाईवे पर बुधवार की सुबह हुए भीषण हादसे के प्रत्यक्षदर्शी उस मंजर को बयां करते-करते रो पड़े। उन्होंने कहा कि, ‘हमें बहुत दुख है कि हम लोगों को बचा नहीं पाए। हमारी आंखों के सामने ही लोग जिंदा जल रहे थे। इतना भयावह हादसा मैंने मेरी 45 साल की उम्र में कभी नहीं देखा। लोग चिल्ला रहे थे, लेकिन आग लगातार फैल रही थी।’ हालांकि हम कई लोगों की जान बचाने में कामयाब भी हुए।

प्रत्यक्षदर्शी किशनाराम ने आगे बताया कि, “वे और उनके कई साथी नेशनल हाईवे के पास करीब 100 मीटर की दूरी पर ही खेतों में काम रहे थे। सुबह करीब 10 बजे के आसपास का वक्त था। हमने देखा कि दो ट्रेलर एक-दूसरे को ओवरटेक कर रहे थे। दोनों की स्पीड काफी तेज थी। एक ट्रेलर तो ओवरटेक करके निकल गया, लेकिन दूसरा ट्रेलर सामने से आ रही बस से भिड़ गया।

इस भिड़ंत के होते ही दोनों में आग लग गई। तब मौके पर आसपास के लोग लोगों को बचाने के लिए दौड़े और बस के कांच तोड़कर फंसे लोगों को बाहर निकालने में मदद की। लेकिन आग बस के अगले हिस्से में पहले लगी थी। ऐसे में दो लोग बस का कांच तोड़ अंदर घुसे। और सवारियों को खिड़की से बाहर निकालने में जुट गए।

वहीं सवारियों को बचाने के लिए आग की लपटों से घिरी बस में घुसने वाले भांडियावास निवासी चेनाराम ने बताया कि, “कई लोग तो बेहोश पड़े थे। पहले तो आग की लपटें देखकर हम भी सहम गए, लेकिन थोड़ी मस्कत से बस के पिछले हिस्से में पहुंचे। हिम्मत कर बेहोश पड़ी सवारियों को खिड़की से बाहर फेंका। करीब 20 से 22 लोगों को बाहर निकालने में हम कामयाब रहे। उन लोगों को बाहर मौजूद अन्य लोगों ने निजी वाहनों से नाहटा अस्पताल पहुंचाया

चेनाराम ने आगे बताया कि, “बस के अंदर मौजूद सवारियों को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। वे लगातार बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। मेरी आंखों के सामने ही दो लोग जिंदा जल गए। मुझे बड़ा अफसोस है, मैं उन्हें बचा नहीं सका। उन्होंने कहा मैंने मेरी 45 साल की उम्र में आजतक ऐसा भयानक हादसा नहीं देखा।

वहीं भांडियावास के ही रहने वाले घीसूलाल के मुताबिक, दो ट्रेलर के ओवर टेक के चक्कर में इतना बड़ा हादसा हुआ। ट्रेलर गलत साइड में जाकर बस में घुस गया। हमारी आंखो के सामने कई लोग जिंदा जल गए। लाख कोशिशों के बावजूद भी बचा नहीं पाए। क्योंकि आग की लपटें हमारे तक पहुंचने लगीं थी, तब हम भी बाहर कूदे।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पचपदरा थाना वहां से करीब 6-7 किलोमीटर दूरी पर ही है। पुलिस और फायर ब्रिगेड दोनों ही आधे घंटे बाद पहुंची, अगर समय पर पहुंचती तो समय पर रेस्क्यू कर कई जानें बचाई जा सकती थीं। एंबुलेंस के पहुंचने से पहले ही घायलों को निजी वाहनों से अस्पताल भिजवाया गया था।

बता दें कि, हादसा करीब 10 बजे हुआ। इसके बाद दोनों तरफ नेशनल हाईवे पर दोनों तरफ जाम लगा गया है। शव को बाहर निकालने के लिए करीब दो घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। उसके बाद करीब 2 बजे नेशनल हाईवे जाम खुलवाया गया।