बदलते वक़्त के साथ-साथ बॉलीवुड में बहुत कुछ बदला है| महिलाओं के किरदार ज्यादातर मजबूर मां, भोली-भाली पत्नी, प्यार में पागल प्रेमिका, बहुत ज्यादा ध्यान रखने वाली बहन, अपनी सीमा में रहने वाली बेटी, इस तरह के होते थे| लेकिन अब हमारी बॉलीवुड की हसीनाओं का टैलेंट सिर्फ पेड़ों के पीछे नाच गाने में नहीं है| पिछले कुछ वर्षों में कई महिला केंद्रित हिंदी फिल्में बनी हैं|
वो ना केवल अपने हक़ के लिए लड़ना जानती है, बल्कि खुद की सुरक्षा के लिए एक्शन और स्टंट भी करती है| पिछले कुछ सालों में बॉलीवुड में महिला केंद्रित हिंदी फिल्में नज़र आई जिसमे महिलाये पुरषों पर भारी नज़र आई| इन फिल्मों को देखकर ना केवल महिलाएं गर्व महसूस करती है, बल्कि फिल्मों से प्रेरणा लेकर खुद के लिए लड़ने को भी तैयार रहती हैं|
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बॉलीवुड सिनेमा में वैसे तो आज भी पुरुषों का राज है लेकिन भारत में कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्होनें अपनी कला से सभी को हैरान कर दिया| आज हम आपको ऐसी ही कुछ महिला फिल्म निर्देशकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने ना सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी अपनी फिल्मों से नाम कमाया|
आइए पढ़ते हैं ऐसी ही कुछ महिलाओं के संघर्ष की और करते हैं इनके जज्बे को सलाम|
महिला केंद्रित हिंदी फिल्में
मदर इंडिया :- जब किसी ‘बाहरी’ व्यक्ति को हिन्दी सिनेमा से परिचित कराया जा रहा हो तो उसे जिन फिल्मों को देखने की सलाह दी जाती है, उनमें नरगिस की ‘मदर इंडिया’ अग्रणी है| कहा जाता है कि अगर आपने ‘मदर इंडिया’ नहीं देखी तो हिन्दी फिल्में नहीं देखीं|
पहली महिला केन्द्रित फिल्म जो ज़हन में आती है वो है महबूब खान की मदर इंडिया’| इस फिल्म में नर्गिस ने मुख्य भूमिका निभाई थी| कहानी है एक महिला थी जिसका पति अचानक उसे छोड़कर कहीं चला जाता है| उस पर अपने बच्चों की ज़िम्मेदारी होती है| वो बिना हिम्मत हारे हर मुश्किल का सामना कर अपने ऊसुलों पर अपने बच्चों का पालन पोषण करती है|
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कहानी :- यह एक महिला केन्द्रित फिल्म है| जिसमें विद्या बालन मुख्य भूमिका में हैं जो प्रैग्नैंट हैं और अपने खोये हुए पति को ढूंढती हैं यहां दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म में कोई मेल ऐक्टर लीड रोल में नहीं है पूरी फिल्म विद्या के इर्द-गिर्द ही घूमती है|
फिल्म हिट साबित हुई थी| और इसका दूसरा सीक्वल भी बनाया जा चुका है| विद्या बालन की फिल्म कहानी एक ऐसी महिला की है जो अपने पती के मौत का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक चली जाती है| वो झूट बोलती है, लोगो का इस्तेमाल करती है, ड्रामा करती है लेकिन बदला लेकर रहती है|
इंग्लिश विंग्लिश :- गौरी शिंदे के डायरेक्शन में बनी श्रीदेवी स्टार ये फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी है जो अंग्रेजी सिखने के लिए क्लास लगाती है क्योंकि उसका पति और उसके बच्चे उसकी कमजोर अंग्रेजी की वजह से उसका मज़ाक उड़ाते हैं इंग्लिश विंग्लिश एक बॉलीवुड फिल्म है जिसमें अभिनेत्री श्रीदेवी मुख्य किरदार में हैं।
फिल्म में श्रीदेवी एक कम पढ़ी लिखी महिला का किरदार निभा रही हैं जिससे इंग्लिश नही आती है और इस कारण से उसकी बेटी उसे अपनी स्कूल ले जाने से हिचकती है क्योंकि वह वहां अंग्रजी में बात नहीं कर पायेगी|
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क्वीन :- वैसे आपने कंगना रनौत का नाम तो सुना ही होगा उनका सुनते ही महिला सशक्तिकरण और महिला सम्मान की बात सामने आ जाती है| तो आपको बता दें कि इस फिल्म में कंगना ने ही मुख्य भूमिका निभाई थी| यहां तक कि इस फिल्म में रानी यानि कंगना रनौत अकेले ही हनीमून में जाती हैं|
कंगना को इस फिल्म में उनके उम्दा प्रदर्शन के लिये राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित भी किया गया है| कंगना रनौत की ये फिल्म उन सभी लड़कियों के लिए है जो प्यार में धोका मिलने पर घर के कोने में बैठ आंसू बहाती है| ये फिल्म उन सभी लड़कियों को बताती है की ज़िन्दगी बेहद खूबसूरत है और हम किसी से कम नहीं हैं| अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जियो|
नीरजा :- नीरजा एक महिला लीड रोल वाली बॉलीवुड की दमदार फिल्म है नीरजा बहादुर एयरलाइन्स क्रू और पूर्व भारतीय मॉडल नीरजा भनोट की बायोपिक है| फिल्म में सोनम कपूर मुख्य भूमिका में हैं जिन्होंने नीरजा का जीवंत अभिनय दर्शकों के सामने प्रदर्शित किया है|
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सोनम कपूर की फिल्म नीरजा’, फ्लाइट अटेंडेंट नीरजा भनोट की असली कहानी है जिसने एक हाइजैक प्लेन में लोगों की जान बचाने के लिए खुद की जान देती थी। देश की बेटी पर बनी ये फिल्म हर किसी को देखनी चाहिए|
निल बट्टे सन्नाटा :- स्वरा भास्कर की यह फिल्म भी महिला जागरूकता के विषय पर बनी है और वूमेन सेन्ट्रिक फिल्म है| फिल्म में एक मां की कहानी को दिखाया गया है| जो अपनी बेटी की पढ़ाई को लेकर कॉफी सजग रहती है यहां तक की वह उसके कम्पटीटर के तौर पर उसी की क्लास में प्रवेश भी ले लेती है| इस फिल्म में स्वरा का अभिनय काबिले तारीफ रहा|
द डर्टी पिक्चर :- द डर्टी पिक्चर 2011 में बनी सिल्क स्मिता की जीवनी पर आधारित हिन्दी फिल्म है| फिल्म का निर्देशन मिलन लुथरिया ने किया है और इसकी सह-निर्माता शोभा कपूर और एकता कपूर है| विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह और इमरान हाशमी ने फिल्म में मुख्य किरदारों की भूमिका निभाई है|
अर्थ :- अर्थ कहानी है दो महिलाएं शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल की| फिल्म को लिखा और डायरेक्ट किया है महेश भट्ट ने| ये फिल्म महेश भट्ट और परवीन बाबी के रिश्ते पर कुछ हद तक आधारीत है| फिल्म में शबाना एक शादी शुदा महिला का किरदार निभाती है जिसका पति उसे दूसरी महिला को धोका दे रहा होता है और फिर वो सारे रिश्ते नाते तोड़ अपनी अलग दुनियां बसाती है|
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फिल्म 80 के दशक की कहानी है जो रेशमा (विद्या बालन) के आसपास घूमती है| रेशमा का सपना है एक मशहूर अभिनेत्री बनना| शुरुआत में उसे थोड़ी परेशानी होती है पर वह जल्द ही पर्दे पर ‘सिल्क’ बन कर धूम मचाने लगती है|
Image Source: shethepeople.tv