कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आने वाली बाधाओं पर काबू पाने और देश सेवा करने में भारतीय रेलवे जी जान से लगा हुआ है। कोरोना महामारी के इस दौर में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) एक ‘संजीवनी’ के रूप में सामने आई है। सभी तक यह ‘संजीवनी’ पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ शुरू की गई। ये एक विशेष ट्रेन है, जिसे रोल-ऑन, रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सर्विस के रूप में शुरू किया गया। ट्रेन सही समय पर बिना किसी रुकावट के गंतव्य तक पहुंचे इसके लिए विशेष ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाये गए हैं।
150 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने पूरी की यात्रा
आपको बता दें अब तक 150 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन अपनी यात्रा पूरी कर चुकी हैं। भारतीय रेलवे अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 590 टैंकरों के माध्यम से 9440 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचा चुका है। इससे देश के कई राज्यों को काफी राहत मिली है।
पिछले 24 घंटे में 12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने सफर शुरू किया
पिछले 24 घंटे में 55 टैंकर्स में 970 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन लेकर 12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन रास्ते में अपना सफर तय कर रही हैं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन पिछले कुछ दिनों से लगातार हर दिन लगभग 800 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन देश के विभिन्न राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में पहुंचा रही हैं। भारतीय रेलवे का प्रयास है कि अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम समय में अधिक से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।
दक्षिण के राज्यों को भी राहत मिली
केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों को ऑक्सीजन आपूर्ति के मामले में बड़ी राहत मिली है, क्योंकि कई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने इन राज्यों में बीते कल और आज काफी मात्रा में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है। केरल के एर्णाकुलम में 118 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन पहुंच चुकी है।
किस राज्य को कितनी ऑक्सीजन पहुंचाई
16 मई को देर शाम तक तक, ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन से महाराष्ट्र को 521 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश को करीब 2525 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश को 430 मीट्रिक टन, हरियाणा को 1228 मीट्रिक टन, तेलंगाना को 389 मीट्रिक टन, राजस्थान को 40 मीट्रिक टन, कर्नाटक को 361 मीट्रिक टन, उत्तराखंड को 200 मीट्रिक टन, केरल को 118 मीट्रिक टन, तमिलनाडु को 151 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश को 116 मीट्रिक टन और दिल्ली को 3320 मीट्रिक टन से अधिक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र ने 5000 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की डिलीवरी को पार कर लिया है। राज्यों में पहुंचने पर ऑक्सीजन को आगे संबंधित अस्पतालों/संस्थानों आदि को वितरित किया जाता है।
19 अप्रैल को चली थी पहली ऑक्सीजन ट्रेन
आपको बता दें, अप्रैल महीने में कई शहरों में ऑक्सीजन की कमी की बात सामने आ रही थी। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर जल्द ऑक्सीजन की सप्लाई करने की मांग की थी। इस पर केंद्र सरकार और रेलवे ने 19 अप्रैल से ऑक्सीजन की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की घोषणा की थी। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन ने ग्रीन कॉरिडोर के जरिए शुरुआत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य में ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू की। धीरे-धीरे देश के हर कोने तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ऑक्सीजन पहुंचा रही है। इस अभियान में भारतीय रेलवे के साथ भारतीय वायुसेना और नौसेना भी शामिल हुई ।
राज्य प्रदान करते हैं खाली टैंकर
रेलवे ने ऑक्सीजन आपूर्ति वाले स्थानों तक ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए कई मार्गों की मैपिंग की है, और राज्यों में ऑक्सीजन की किसी भी आपात ज़रूरत से निपटने के लिए खुद को तैयार रखा है। आपको बता दें, लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लाने के लिए संबंधित राज्य भारतीय रेलवे को टैंकर स्वयं प्रदान करते हैं।
नई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन काफी गतिशील कार्य है, और इस संबंध में आंकड़े भी लगातार परिवर्तित होते हैं। यही वजह है कि आज देर रात तक ऑक्सीजन टैंकर्स लेकर कुछ अन्य ऑक्सीजन ट्रेनों के यात्रा शुरू करने की उम्मीद है।
ज्ञात हो, ऑक्सीजन की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है। देशभर में तरल चिकित्सा ऑक्सीजन तथा ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति के लिए ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ बहुत महत्वपूर्ण साधन साबित हो रही है।