यूपी के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे (Survey Of Madarasas) करवाया जाएगा। इस बाबत शासन के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि 10 सितम्बर तक इस सर्वे के लिए टीम गठित की जाएगी, जिसमें संबंधित तहसील के उप जिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शामिल होंगे।यह टीम अपर जिलाधिकारी प्रशासन के निर्देशन में मदरसों का सर्वे करके अपर जिलाधिकारी प्रशासन के माध्यम से जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। पांच अक्तूबर तक यह सर्वे पूरा किया जाएगा। 10 अक्तूबर तक रिपोर्ट / संकलित डाटा अपर जिलाधिकारी के माध्यम से जिलाधिकारी को पेश किया जाएगा और 25 अक्तूबर तक जिलाधिकारी उपरोक्त डाटा और रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करवाएंगे।
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अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बुधवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि विवादित प्रबंध समिति की दशा में किसी सहायता प्राप्त मदरसे में किसी कार्मिक की मृत्यु की दशा में मृतक आश्रित कोटे में मदरसे के प्रधानाचार्य व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा नियुक्ति होने तथा वैध प्रबन्ध समिति के अस्तित्व में आने पर कार्योत्तर अनुमोद प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मदरसों में कार्यरत महिला कार्मिकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग व बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के आलोक में मातृत्व अवकाश व बाल्य देखभाल अवकाश दिये जाने का कार्यकारी आदेश जारी किया गया है।
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Survey Of Madarasas – उ.प्र.मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डा. इफ्तेखार जावेद ने बताया कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक में तय हुआ है कि 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा और बिना मान्यता के कितने मदरसे प्रदेश में चल रहे हैं, इनकी जानकारी होनी चाहिए। सात वर्षों से उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने किसी भी नए मदरसों को मान्यता नहीं दी है। इन सात वर्षों में प्रदेश की आबादी बढ़ी, स्वाभाविक रूप से बच्चे बढ़े और उनके लिए मदरसे खुले। मान्यता बंद होने से नए मदरसे बोर्ड से नहीं जुड़ पा रहे। इसके लिए बोर्ड ने सर्वे कराने का फैसला किया, जिससे जिलेवार जानकारी जुटाई जा सके। उसके बाद प्रदेश में ये जानकारी हो सकेगी कि अनुदानित मदरसे, मान्यता प्राप्त गैर अनुदानित मदरसे और गैर मान्यता प्राप्त मदरसे की संख्या कितनी है़।