लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को मुख्यमंत्री आवास आए और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संग मंत्रियों से रुबरू हुए। उनके कामकाज को समझा। उन्होंने सुशासन का मंत्र (Modi Mantra) देते हुए मुख्यमंत्री की तारीफ की। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने अपराधियों के खिलाफ यूपी सरकार के ‘बुलडोजर अभियान’ की भी तारीफ की और कानून व्यवस्था में सुधार के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने जनता का परम विश्वास हासिल किया है, उसी तरह आप जनसेवा का मंत्र लेकर काम करें।
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प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र (Modi Mantra) योगी सरकार के मंत्रियों को दिया। कहा कि अब आराम का वक्त नहीं है। जनता का दिल जीतना है। जनसेवा को ध्येय बना लें। भाजपा के संकल्प पत्र के वादों को पूरा करें और उनके प्रति जवाबदेह बनें। घर-परिवार के लोगों को साथ न रखें और भ्रष्टाचार पर हर हाल में लगाम लगाएं।
Modi Mantra – उन्होंने कहा कि आप सब लोगों का मकसद होना चाहिए कि कैसे जनता तक आपके विभाग की योजनाओं का लाभ मिले। न कोई भूखा रहे न कोई बीमार रहे। इस उद्देश्य के साथ काम करना है। प्रधानमंत्री ने मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा कि कामकाज का तरीका बदलें। अगर कुछ करना है तो बदलना होगा। जनता को समय दें और जनता के बीच जाओ। जनता के साथ रहो। पानी कैसे बचे, देश, प्रदेश सुन्दर कैसे हो, सोचो और करो। सभी को पीएम ने फिट रहने की सीख दी। कहा कि घर और आफिस अलग रखो। चाहें हार हो या जीत झूठ मत बोलो। यह गांठ बांध लें कि परिवार के सदस्य को साथ न रखें। उन्होंने कहा कि अपने आपको सुधारें।
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योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के साथ हाल में सभी मंत्री कुर्सियों पर बिठाए गए थे। प्रधानमंत्री ने अपने संक्षिप्त संबोधन के बाद मंत्रियों से एक-एक करके परिचय लिया। उन्होंने पूछा कि आपके विभाग में आपने अब तक कौन-कौन से काम किए हैं और आगे अब क्या करने का इरादा है? मंत्रियों से बात, संवाद करते करते पौने चार घंटे गुजर गए। संवाद के दौरान मंत्री खासी गंभीर मुद्रा में बैठे थे। वह अपने विभाग के कामकाज के संबंध में तैयारी से आए थे। हर मंत्री से चार से पांच मिनट तक संवाद हुआ। प्रधानमंत्री ने अपने अनुभव सुना कर माहौल को जीवंत कर दिया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 मार्च को हुईी शपथ ग्रहण के 52 दिन बाद पहली बार लखऩऊ आए तो उन्होंने योगी मंत्रिमंडल के 52 मंत्रियों को न केवल राजकाज का पाठ पढ़ाया। साथ ही उन्हें साफ संकेत दे दिए कि मिशन-2024 के लिए उऩ्हें सुशासन के सहारे ही जनता के दिल में स्वीकार्यता पाने के लिए सक्रियता बनाए रखनी होगी। यूपी में मिशन-2022 की फतेह के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहती। दरअसल, विधानसभा चुनावों में पार्टी को खुद के पार्टी विधायकों और सांसदों की स्वीकार्यता को लेकर चुनौतियां का सामना करना पड़ा था।