यूपी में नशे कारोबारियों की अब खैर नहीं है। सीएम योगी ने यूपी को ड्रग्स मुक्त (Drug Free UP) करने के अभियान के तहत प्रदेश में बड़ा अभियान शुरू कराया है। इसी अभियान के तहत हर जिले के डीएम और एसपी को डेडलाइन भी दी गई है। जिलाधिकारियों और पुलिस प्रमुख को सीएम योगी ने सात दिन का समय देते हुए नशे के कारोबार को नेस्तनाबूत करने को कहा है। इसी के तहत एंट नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन भी किया गया है। योगी के निर्देश के बाद बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू हो चुकी है।
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एसीएस होम अवनीश अवस्थी ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश के बाद पिछले दो दिनों से हर जिले में लगातार सर्च और छापेमारी चल रही है। पूरे राज्य में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। सभी पुलिस अधिकारियों, डीएम, एसडीएम और सीओ को भी नशा करने और इसका कारोबार करने वालों को चेतावनी देने, तलाशी लेने के साथ इन पर नकेल कसने केलिए एक सप्ताह का समय दिया गया गया।
सीएम योगी ने दंगाइयों और अपराधियों पर शिकंजा कसने के बाद मंगलवार को ड्रग माफिया पर शिकंजा कसने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया था। इसके तहत जोन और क्षेत्रीय स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस थानों की स्थापना की जाएगी। शुरुआत में बाराबंकी और गाजीपुर में थाने बनाएंगे।सीएम योगी ने अवैध शराब और ड्रग के खिला़फ अभियान की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ड्रग माफिया के खिला़फ कठोरतम कार्रवाई करते हुए नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने के निर्देश दिए थे।
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Drug Free UP – पहले चरण में चलाए गए इस अभियान के तहत प्रदेश भर के 342 हुक्काबारों और अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों के 4338 ठिकानों पर छापे मारते हुए 785 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों के पास से साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की कीमत के मादक पदार्थ बरामद किए गए हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश देते हुए कहा कि इस अभियान में चिह्नित अपराधियों की संपत्ति भी जब्त की जाए और सार्वजनिक स्थानों पर इनके पोस्टर लगाए जाएं ताकि राष्ट्र के खिला़फ अपराध कर रहे अपराधियों को समाज में सबक सिखाया जा सके। उन्होंने कहा कि ये सभी राष्ट्रीय अपराधी हैं और इन्हें हर हाल में दंडित होना चाहिए।